केदारनाथ धाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुराना नाता है। वह युवावस्था के दिनों से केदारनाथ में एकांत साधना करते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह 6 बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं।
Image Source: Google
भगवान शंकर के प्रति मोदी की बहुत गहरी आस्था के बारे में हर कोई जानता है। चाहे काशी विश्वनाथ धाम का नवीकरण हो या फिर उज्जैन के महाकाल मंदिर का, मोदी ने दोनों ही प्रोजेक्ट्स में व्यक्तिगत रूचि दिखाई तो इसके पीछे महादेव के प्रति उनकी भक्ति भावना ही थी।
Image Source: Google
केदारनाथ धाम से प्रधानमंत्री मोदी का रिश्ता काफी पुराना बताया जाता है। पीएम जब अपनी युवावस्था में थे, तब उन्होंने शांति और ईश्वर की तलाश में घर छोड़ दिया था। इस दौरान तकरीबन तीन सालों तक वह केदारनाथ की बर्फीली वादियों में रहे।
Image Source: Google
भगवान शिव के एक बड़े तीर्थ कहे जाने वाले वडनगर में जन्मे मोदी का भगवान महादेव से गहरा लगाव है। शायद यही वजह हो कि उन्होंने साल 2014 में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद पहली बार संसदीय चुनाव में जब ताल ठोकी तो अखाड़े के तौर पर भगवान भोलेनाथ की नगरी वाराणसी को चुना।
Image Source: Google
मोदी जी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने थे, उसके कुछ ही समय पहले ही केदारनाथ में भयानक आपदा आई थी। जब उन्होंने पद संभाला, तभी से केदारनाथ धाम के नवीकरण की योजना उनके मन में थी। उन्होंने इसके लिए काम भी शुरू कराया और इस बीच जब भी मौका मिला, वह केदारनाथ का दर्शन करने चल पड़े।
Image Source: Google
2019 के लोकसभा चुनाव की मतगणना से 5 दिन पहले मोदी जी केदारनाथ पहुंच गए। यहां उन्होंने 17 घंटों तक रुद्र गुफा में भगवान शिव की अराधना की और भगवा वस्त्र धारण कर ध्यान लगाया। इसके बाद वह दोबारा देश के प्रधानमंत्री बने थे।
Image Source: Google
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह हर साल दिवाली पर किसी एकांत जगह पर जाना पसंद करते हैं। मोदी ने बताया कि एकांत उन्हें जीवन जीने के लिए मजबूती देता है और इस दौरान वह खुद से मुलाकात करते हैं।
Image Source: Google